भारत में जब भी निवेश की बात होती है, तो तीन नाम सबसे पहले आते हैं –
FD (फिक्स्ड डिपॉज़िट), LIC पॉलिसी और अब धीरे-धीरे SIP (समझले की म्यूच्यूअल फण्ड)। तीनों के अपने फायदे हैं, लेकिन जब बात लंबी अवधि में धन निर्माण (wealth creation) की हो, तो ये तीनों विकल्प एक जैसी भूमिका नहीं निभाते।
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SIP क्यों करें, FD या LIC क्यों नहीं? |
आइए एक-एक करके समझते हैं:
1. FD – सुरक्षित लेकिन सीमित
FD यानी Fixed Deposit एक ऐसा निवेश है जहाँ आपका पैसा सुरक्षित रहता है। लेकिन समस्या यह है कि इसका ब्याज (5–7%) अक्सर महंगाई से कम होता है।
इसका मतलब है कि आप जितना कमा रहे हैं, महंगाई उससे ज्यादा आपकी रकम की वैल्यू कम कर रही है। FD सिर्फ पैसों को सुरक्षित रखता है — वो उन्हें बढ़ाता नहीं है। वहीँ एलआईसी के नजरों से देखे तो इसमें कोई बीमा कवरेज नहीं होती है।
2. LIC पॉलिसी – सुरक्षा और सेविंग, सरकार की गारंटी के साथ
LIC पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य है – बीमा सुरक्षा + लंबी अवधि में सेविंग।
यह पॉलिसी आपके परिवार को वित्तीय सुरक्षा देती है (Life Cover), और मेच्योरिटी पर आपको कुछ रकम मिलती है। लेकिन ध्यान रखें:
- LIC पॉलिसी में जो रिटर्न होता है, वह अक्सर 5–6% सालाना ही होता है
- यह रिटर्न FD जैसा ही है, और wealth creation के लिए धीमा है
- अगर आप सिर्फ निवेश के नजरिए से सोच रहे हैं, तो LIC उतना प्रभावशाली नहीं है
- लेकिन अगर आपका उद्देश्य बीमा + सेविंग है, तो LIC बहुत उपयोगी है
LIC (Life Insurance Corporation of India) एक सरकारी उपक्रम है, और इसकी पॉलिसियों पर Sovereign Guarantee होती है।
इसका मतलब है: अगर LIC किसी कारण से क्लेम देने की स्थिति में नहीं भी होती, तब भी भारत सरकार उसकी जिम्मेदारी लेती है। आपकी जमा राशि और बीमा सुरक्षा पूरी तरह सुरक्षित रहती है।
LIC पॉलिसी में जोखिम ना के बराबर होता है। इसलिए बुजुर्गों, सुरक्षित निवेश चाहने वालों या बीमा सुरक्षा को प्राथमिकता देने वालों के लिए LIC भरोसे का नाम है।
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3. SIP – रिटर्न अच्छा, लेकिन गारंटी नहीं
SIP यानी Systematic Investment Plan आपको हर महीने छोटी-छोटी रकम में निवेश करने का मौका देता है।लेकिन SIP के जरिए जो पैसा आप लगाते हैं, वह म्यूचुअल फंड्स में जाता है। और ये फंड्स आगे चलकर शेयर बाजार (Equity) या बॉन्ड्स (Debt) में निवेश करते हैं।
यहां जोखिम तो है, लेकिन लंबे समय में यह:
- महंगाई को मात देता है
- कंपाउंडिंग का पूरा फायदा देता है
- ₹500 जैसे छोटे अमाउंट से भी शुरुआत कर सकते हैं
- आपकी बचत को लाखों में बदल सकता है (15–20 वर्षों में)
अगर आपका मकसद सिर्फ पैसा सुरक्षित रखना है, तो FD और LIC जैसे विकल्प ठीक हैं, क्योंकि इनमें जोखिम बहुत कम होता है। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि आपका पैसा बढ़े और भविष्य में बड़े लक्ष्य पूरे हों, तो SIP एक बेहतर विकल्प है।
भले ही इसमें जोखिम हो, लेकिन लंबी अवधि में यह जोखिम संतुलित हो जाता है और रिटर्न भी बेहतर मिल सकता है। कुल मिलाकर, FD और LIC जहां सुरक्षा देते हैं, SIP वहां असली संपत्ति (wealth) बनाने का मौका देता है लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं होती है।
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