LIC OR SBI life insurance which is better in hindi: जीवन बीमा आज हर व्यक्ति की वित्तीय सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। जब भी कोई बीमा लेने की सोचता है, तो दो सबसे भरोसेमंद नाम सामने आते हैं – LIC (भारतीय जीवन बीमा निगम) और SBI Life Insurance। दोनों कंपनियां बड़ी, स्थापित और प्रसिद्ध हैं, लेकिन इन दोनों में से किसे चुनना सही होगा?
इस लेख में हम दोनों बीमा कंपनियों की तुलना अलग-अलग पहलुओं पर करेंगे जैसे कि कंपनी की विश्वसनीयता, क्लेम सेटलमेंट रेश्यो, प्लान की विविधता, प्रीमियम रेट, ग्राहक सेवा और डिजिटल सुविधाएं।
LIC vs SBI Life, कौन है बेहतर
LIC भारत सरकार की कंपनी है, जिसकी स्थापना 1956 में हुई थी। यह भारत की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है। LIC का नेटवर्क पूरे देश में बहुत बड़ा और मजबूत है, खासकर गांव और छोटे शहरों तक इसकी पहुंच गहरी है। LIC के पास 15 लाख से ज्यादा एजेंट हैं, जो देश के कोने-कोने तक अपनी सेवाएं पहुंचाते हैं। इस वजह से, चाहे आप किसी भी दूरदराज के इलाके में रहें, LIC की सेवा आपके बहुत करीब होती है।
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LIC vs SBI Life |
आज LIC ने भी डिजिटल युग को अपनाया है। LIC Digital App के जरिए आप ऑनलाइन प्रीमियम भुगतान, पॉलिसी का नवीनीकरण (renewal), लोन लेना, लोन की ब्याज भुगतान, एडवांस प्रीमियम जमा करना, पेड रसीद डाउनलोड करना, व्हाट्सएप के जरिए सेवाएं लेना और 24x7 कॉल सेंटर हेल्पलाइन से सहायता प्राप्त कर सकते हैं। ये सारी सेवाएं पूरी तरह से मुफ्त होती हैं, LIC कभी भी किसी प्रकार की रिश्वत (ब्रिब) नहीं लेती और कोई भी काम बिना किसी छुपी हुई प्रोसेसिंग फीस के होता है।
दूसरी ओर, SBI Life एक नई कंपनी है, जिसकी शुरुआत 2001 में हुई। यह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और BNP Paribas Cardif की संयुक्त कंपनी है। SBI Life आधुनिक और तकनीक-आधारित सेवाओं पर ज्यादा ध्यान देती है, जिसमें पूरी तरह से ऑनलाइन पॉलिसी खरीदना, मोबाइल ऐप से सेवा लेना शामिल है। SBI Life खासकर शहरों और युवा वर्ग के बीच लोकप्रिय हो रही है। लेकिन ग्रामीण इलाकों में SBI Life का नेटवर्क LIC जितना मजबूत और व्यापक नहीं है।
विवरण |
LIC |
SBI Life |
स्थापना वर्ष |
1956 |
2001 |
स्वामित्व |
भारत सरकार |
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और BNP Paribas Cardif |
प्रकार |
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी |
निजी क्षेत्र की बीमा कंपनी |
मुख्य विशेषता |
सबसे पुरानी और बड़ी बीमा कंपनी, जिसका देश भर में गहरा नेटवर्क है।
डिजिटल सुविधाएं: LIC Digital App, ऑनलाइन प्रीमियम भुगतान, नवीनीकरण, लोन सेवाएं, व्हाट्सएप सर्विस,
24x7 कॉल सेंटर हेल्पलाइन, और 15 लाख+ एजेंट देश के हर कोने में।
बिना रिश्वत और बिना प्रोसेसिंग फीस के काम।
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आधुनिक और तकनीक-फ्रेंडली कंपनी।
पूरी तरह से ऑनलाइन पॉलिसी खरीदने और डिजिटल सेवाओं पर फोकस।
खासकर शहरी और युवा ग्राहकों के लिए उपयुक्त।
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ग्रामीण पहुँच |
बहुत गहरी, देश के हर छोटे शहर और गांव में व्यापक नेटवर्क |
मध्यम, मुख्य रूप से शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में सक्रिय |
इसलिए, अगर आप एक ऐसी कंपनी चाहते हैं जो पुरानी परंपरा और भरोसेमंद सेवा के साथ देश के हर हिस्से में आपकी मदद पहुंचाए, LIC आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प है। LIC की पारदर्शिता, बड़े नेटवर्क और फ्री सेवाएं इसे खास बनाती हैं।
अगर आप तकनीकी और डिजिटल सुविधाओं को ज्यादा महत्व देते हैं, और शहर में रहते हैं, तो SBI Life आपके लिए उपयुक्त है।
दोनों कंपनियों के अपने फायदे हैं, लेकिन आपकी जरूरत, सुविधा और भरोसे के हिसाब से सही चुनाव करना सबसे जरूरी है।
LIC और SBI Life की मालिकाना हक (Ownership)
LIC (लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) पूरी तरह से भारत सरकार की कंपनी है। मतलब सरकार LIC की लगभग पूरी हिस्सेदारी रखती है। पहले सरकार के पास 100% शेयर थे मतलब 100% मालिक थी, लेकिन मई 2022 में LIC ने अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने के लिए IPO (Initial Public Offering) निकाला। इसमें सरकार ने 3.5% शेयर जनता को बेचे, जिसके बाद सरकार के पास LIC की लगभग 96.5% हिस्सेदारी बची हुई है। बाकी के छोटे हिस्से पब्लिक, म्यूचुअल फंड्स, विदेशी निवेशकों और आम जनता के पास हैं।
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Image credit: The Hindu |
इस वजह से LIC पर भारत सरकार का पूरा नियंत्रण है। सरकार के पास इतना बड़ा हिस्सा होने से LIC की नीतियां और फैसले सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार होते हैं। LIC को इसलिए बहुत भरोसा मिलता है क्योंकि यह पूरी तरह सरकारी कंपनी है।
इसके विपरीत, SBI Life एक निजी कंपनी है जिसकी मालिकाना हक कई शेयरधारकों के बीच बंटा हुआ है। SBI Life के सबसे बड़े शेयरधारक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) हैं, जिनके पास लगभग 55% हिस्सेदारी है। इसके अलावा विदेशी निवेशक (जिन्हें एफआईआई कहते हैं), म्यूचुअल फंड्स और आम निवेशक भी SBI Life के शेयर रखते हैं।
इसका मतलब है कि SBI Life की कंपनी में कई अलग-अलग लोग और संस्थाएं हिस्सेदार हैं, और SBI Life का प्रबंधन भी इन्हीं शेयरधारकों के साथ मिलकर होता है। सरकार का इसमें कोई खास नियंत्रण नहीं है, क्योंकि यह पूरी तरह से निजी क्षेत्र की कंपनी है।
तो सरल शब्दों में कहा जाए तो, LIC की पूरी या लगभग पूरी मालिकाना हक भारत सरकार के पास है, जबकि SBI Life कई निजी निवेशकों की मिलीजुली कंपनी है, जिसमें SBI सबसे बड़ा मालिक है।
LIC और SBI Life की नेटवर्क पहुँच (Network Presence)
LIC यानी लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, देश की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी बीमा कंपनी है — और इसकी सबसे बड़ी ताकत है इसका देशव्यापी नेटवर्क। LIC का नेटवर्क पूरे भारत में फैला हुआ है, चाहे वो शहर हो, कस्बा हो या दूर-दराज़ का गांव।
आज LIC के पास:
- 2048 शाखाएँ (Branches)
- 113 डायविजनल ऑफिस,
- 2048 सैटेलाइट ऑफिस,
- और सबसे बड़ी बात — 15 लाख से भी ज्यादा बीमा एजेंट हैं जो पूरे देश के हर कोने तक पहुँच रखते हैं।
इन एजेंटों की वजह से LIC की पहुँच उन इलाकों तक भी है जहाँ आज भी इंटरनेट या डिजिटल सुविधा नहीं पहुंची है। गाँवों में लोग सीधे एजेंट से जुड़ते हैं, फॉर्म भरवाते हैं, पॉलिसी समझते हैं और बिना किसी झंझट के अपना बीमा करवाते हैं।
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Image credit: Zee News |
LIC ने अब डिजिटल सुविधाएं भी जोड़ ली हैं, यानि ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों मोर्चों पर LIC का नेटवर्क बहुत ही मजबूत है।
अब बात करते हैं SBI Life की नेटवर्क की।
SBI Life एक नई और तेजी से बढ़ती बीमा कंपनी है, जिसकी स्थापना 2001 में हुई थी। इसका नेटवर्क भी अच्छा है लेकिन यह मुख्य रूप से शहरी और अर्ध-शहरी इलाकों में ज़्यादा केंद्रित है।
SBI Life का नेटवर्क इस प्रकार है:
- देशभर में लगभग 1000 से ज्यादा शाखाएँ
- SBI की 20,000+ बैंक शाखाओं के ज़रिए बीमा वितरण
- बैंक कर्मचारियों और बीमा एजेंटों के माध्यम से सेवाएं
- डिजिटल प्लेटफॉर्म पर वेबसाइट, ऐप और ग्राहक पोर्टल के ज़रिए सेवा देना
SBI Life तकनीक और बैंकिंग नेटवर्क के ज़रिए अपने ग्राहकों तक पहुँचता है, खासकर युवा और शहरों में रहने वाले लोग इसकी डिजिटल सुविधा का लाभ उठाते हैं। हालांकि, ग्रामीण इलाकों में इसकी पहुँच LIC जितनी गहरी नहीं है।
LIC का नेटवर्क पुराने समय से बना हुआ है, जो हर तबके के लोगों तक पहुँचता है – विशेषकर गांवों और दूर-दराज़ के क्षेत्रों में। वहीं SBI Life का नेटवर्क शहरों में मजबूत है और टेक्नोलॉजी के जरिए सेवाएं देता है।
अगर आपको बीमा एजेंट से मिलकर, फॉर्म भरकर और सीधे संवाद के ज़रिए सेवा चाहिए तो LIC का नेटवर्क सबसे बेहतर है। अगर आप डिजिटल तरीके से पॉलिसी लेना और मैनेज करना चाहते हैं, और शहर में रहते हैं, तो SBI Life भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
LIC और SBI Life का क्लेम सेटलमेंट रेशियो (Claim Settlement Ratio)
जब भी कोई व्यक्ति जीवन बीमा लेता है, तो सबसे अहम बात होती है – जब जरूरत पड़े तो दावा (क्लेम) कितना आसानी से और जल्दी निपटाया जाता है। इसी बात को दर्शाता है क्लेम सेटलमेंट रेशियो। आइए जानते हैं LIC और SBI Life, दोनों कंपनियों का प्रदर्शन इस क्षेत्र में कैसा रहा है।
वित्त वर्ष 2023-24 में, भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने कुल 8,29,318 मृत्यु दावे प्राप्त किए, जिनमें से 7,99,612 दावों को 30 दिनों के अंदर निपटा दिया गया। LIC का क्लेम सेटलमेंट रेशियो रहा 96.42%। यह आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि LIC एक बड़ी और भरोसेमंद बीमा कंपनी है जो दावों के निपटान में प्रभावी है।
वहीं दूसरी ओर, SBI Life Insurance ने इसी वर्ष में कुल 37,724 मृत्यु दावे प्राप्त किए, जिनमें से 37,344 दावों का निपटान 30 दिनों के अंदर कर दिया गया। SBI Life का क्लेम सेटलमेंट रेशियो रहा 99.20%, जो निजी बीमा कंपनियों में काफी अच्छा प्रदर्शन माना जाता है।
विवरण | LIC (2023-24) | SBI Life (2023-24) |
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क्लेम सेटलमेंट रेशियो (%) | 96.42% | 99.20% |
कुल मृत्यु दावे | 8,29,318 | 37,724 |
30 दिन के भीतर निपटाए गए दावे | 7,99,612 | 37,344 |
स्रोत: LIC का डेटा Economic Times (2025) से लिया गया है। SBI Life का डेटा PolicyBazaar की Claim Ratio Report पर आधारित है।
LIC और SBI Life – पॉलिसी सर्विसिंग सुविधाएं
बीमा पॉलिसी लेना तो एक शुरुआत है, लेकिन असली महत्व तब होता है जब पॉलिसी से जुड़ी सेवाओं की जरूरत पड़ती है – जैसे प्रीमियम भरना, रसीद लेना, पॉलिसी में बदलाव करना, लोन लेना, नॉमिनी अपडेट करना आदि। इसी को कहा जाता है Policy Servicing. अब जानते हैं कि LIC और SBI Life इस मामले में क्या सुविधाएं देती हैं:
LIC एक सरकारी और देश की सबसे पुरानी बीमा कंपनी है, जिसका नेटवर्क पूरे भारत में बहुत मजबूत है – शहरों से लेकर गाँवों तक।
- 15 लाख+ एजेंटों का नेटवर्क पूरे देश में मौजूद है, जो हर ग्राहक की सहायता के लिए तैयार रहते हैं।
- LIC की ब्रांच और सैटेलाइट ऑफिस लगभग हर जिले और प्रमुख कस्बों में हैं।
- LIC Digital App से आप पॉलिसी स्टेटस, प्रीमियम पेमेंट, लोन ब्याज/भुगतान, रसीद डाउनलोड आदि कार्य कर सकते हैं।
- WhatsApp सुविधा, कॉल सेंटर और ई-मेल सपोर्ट 24x7 उपलब्ध हैं।
सबसे खास बात – LIC में कोई ब्राइब (घूस) या प्रोसेसिंग फीस नहीं ली जाती, सभी सेवाएं नि:शुल्क और पारदर्शी तरीके से दी जाती हैं।
SBI Life एक प्राइवेट कंपनी है और इसकी सर्विसिंग मुख्य रूप से डिजिटल और शहरी ग्राहकों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन की गई है।
SBI Life का एक अच्छा मोबाइल ऐप और वेबसाइट पोर्टल है, जिससे ग्राहक प्रीमियम भर सकते हैं, रसीदें देख सकते हैं, नॉमिनी अपडेट कर सकते हैं आदि।
- SMS और ईमेल अलर्ट्स के माध्यम से सूचनाएं दी जाती हैं।
- लेकिन एक बड़ी चुनौती ये है कि SBI Life की ब्रांच ऑफिस हर शहर या कस्बे में उपलब्ध नहीं हैं।
- कई ग्राहक जो SBI बैंक की ब्रांच से पॉलिसी खरीदते हैं, उन्हें यह भ्रम होता है कि बैंक उनकी पॉलिसी से जुड़ी सर्विसिंग करेगा – लेकिन ऐसा नहीं है।
SBI बैंक पॉलिसी बेचता है, लेकिन सर्विसिंग नहीं करता। इसके लिए ग्राहक को SBI Life की ब्रांच में ही जाना पड़ता है, जो कई बार दूर होती है।
जहाँ LIC का ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में बहुत मजबूत नेटवर्क है और हर स्तर पर सहायता उपलब्ध है, वहीं SBI Life मुख्यतः शहरों और डिजिटल माध्यमों पर निर्भर है। LIC का एजेंट नेटवर्क, 24x7 सपोर्ट और ब्रांच उपलब्धता उसे पॉलिसी सर्विसिंग के मामले में SBI Life से कहीं आगे रखता है।
LIC Sovereign Guarantee और SBI Life में क्या फर्क है?
LIC भारत सरकार की कंपनी है, इसलिए LIC की सभी पॉलिसी को भारत सरकार की गारंटी (Sovereign Guarantee) मिलती है। Sovereign Guarantee का मतलब है “सरकार की गारंटी।” जब कोई कंपनी, जैसे LIC, सरकार के स्वामित्व में होती है, तो सरकार उसकी पॉलिसियों को सुरक्षा देती है। इसका मतलब अगर LIC को कभी आर्थिक परेशानी हो भी जाए और वह पॉलिसीधारकों को पैसे लौटाने में असमर्थ हो, तो भारत सरकार उनकी पूरी जिम्मेदारी लेती है।
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Image credit: Aliasgar |
सरल भाषा में कहें तो, सरकार यह वादा करती है कि LIC पॉलिसीधारकों को उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित मिलेगा, चाहे कंपनी को कोई भी समस्या क्यों न हो। यही वजह है कि LIC की पॉलिसियां निवेशकों के बीच बहुत भरोसेमंद मानी जाती हैं।
दूसरी ओर, SBI Life एक Private कंपनी है, जिसके पास ऐसी कोई Sovereign Guarantee नहीं होती। इसका मतलब है कि SBI Life की पॉलिसियों पर सरकार का सीधा समर्थन नहीं होता। हालांकि SBI Life अपनी सेवाओं और तकनीक के लिए जानी जाती है, लेकिन सरकार की गारंटी न होने के कारण सुरक्षा के मामले में LIC से अलग होती है।
SBI Life vs LIC Networth: नेट वर्थ की टक्कर किसमें है दम?
SBI Life Insurance और LIC (Life Insurance Corporation of India) की जब हम तुलना करते हैं, तो सबसे बड़ा फर्क नेट वर्थ यानी शुद्ध संपत्ति में दिखाई देता है। LIC भारत की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी बीमा कंपनी है, जिसकी कुल संपत्ति लगभग ₹58.42 लाख करोड़ है। यह संपत्ति उसके वर्षों पुराने निवेश, प्रीमियम संग्रहण और सरकारी समर्थन के कारण बनी है।
SBI Life vs LIC – Net Worth Comparison 2024
पैरामीटर |
SBI Life Insurance |
LIC (Life Insurance Corporation of India) |
नेट वर्थ (Net Worth) |
₹14,906 करोड़ |
₹58,42,000 करोड़ (₹58.42 लाख करोड़) |
मार्केट कैपिटलाइजेशन |
₹1.81 लाख करोड़ |
₹6.04 लाख करोड़ |
कुल राजस्व (FY24) |
₹1,16,888 करोड़ |
₹8,60,795 करोड़ |
शुद्ध लाभ (FY24) |
₹2,413 करोड़ |
₹40,915 करोड़ |
कर्ज (Debt) |
शून्य (Zero Debt) |
लगभग शून्य (कर्ज-मुक्त) |
दूसरी ओर, SBI Life की नेट वर्थ ₹14,906 करोड़ है, जो कि एक प्राइवेट बीमा कंपनी के लिए काफी मजबूत मानी जाती है। हालांकि LIC की संपत्ति इसके मुकाबले कई गुना ज़्यादा है, लेकिन SBI Life ने कम समय में अच्छा वित्तीय विकास किया है। यह तुलना सिर्फ यह दिखाती है कि संपत्ति के मामले में LIC देश की सबसे बड़ी ताकतवर बीमा कंपनी बनी हुई है।
FAQs
LIC और SBI Life में क्या मुख्य अंतर हैं?
LIC एक सरकारी कंपनी है जबकि SBI Life एक निजी (Private) कंपनी है। LIC का नेटवर्क पूरे भारत में गहरा है, SBI Life ज्यादातर शहरी और डिजिटल क्षेत्र में सक्रिय है।
कौन सी कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेशियो बेहतर है?
SBI Life का क्लेम सेटलमेंट रेशियो लगभग 99.2% है जबकि LIC का 96.4% है। दोनों कंपनियां क्लेम सेटलमेंट में अच्छा प्रदर्शन करती हैं।
क्या LIC की पॉलिसी ऑनलाइन सर्विसिंग उपलब्ध है?
जी हाँ, LIC के पास LIC Digital App, WhatsApp सर्विस, 24x7 कॉल सेंटर और ऑनलाइन प्रीमियम पेमेंट जैसे कई डिजिटल और ऑफलाइन विकल्प उपलब्ध हैं।
SBI Life की पॉलिसी सर्विसिंग कैसे होती है?
SBI Life की पॉलिसी सर्विसिंग मुख्यतः डिजिटल ऐप और वेबसाइट के माध्यम से होती है। बैंक शाखाएं सर्विसिंग नहीं देतीं, इसलिए ग्राहक को SBI Life की ऑफिस में जाना पड़ता है।
LIC का नेटवर्क SBI Life से कैसे अलग है?
LIC का नेटवर्क पूरे भारत में 15 लाख से अधिक एजेंटों सहित बहुत बड़ा और ग्रामीण क्षेत्रों तक फैला हुआ है, जबकि SBI Life की ऑफिस और एजेंट मुख्यतः शहरी क्षेत्रों में केंद्रित हैं।
क्या SBI Life पॉलिसी बैंक शाखाओं से सर्विस होती है?
नहीं, SBI बैंक शाखाएं पॉलिसी सर्विसिंग नहीं देतीं। ग्राहक को SBI Life की ऑफिस जाकर या डिजिटल माध्यमों से ही अपनी पॉलिसी सर्विसिंग करनी पड़ती है।
LIC में पॉलिसी के लिए कोई प्रोसेसिंग फीस या ब्राइब होती है?
LIC में पॉलिसी सर्विसिंग पूरी तरह से मुफ्त और पारदर्शी है, यहाँ कोई प्रोसेसिंग फीस या रिश्वत (ब्राइब) नहीं ली जाती।
दोनों कंपनियों की स्थापना कब हुई थी?
LIC की स्थापना 1956 में हुई थी जबकि SBI Life की शुरुआत 2001 में State Bank of India और BNP Paribas Cardif के संयुक्त प्रयास से हुई।
दोनों कंपनियों की पॉलिसी के प्रीमियम भुगतान के तरीके क्या हैं?
LIC और SBI Life दोनों में आप ऑनलाइन, मोबाइल ऐप, बैंक ब्रांच और एजेंट के माध्यम से प्रीमियम जमा कर सकते हैं। LIC के पास और भी अधिक ऑफलाइन नेटवर्क है।
कौन सी कंपनी ग्रामीण इलाकों में बेहतर सर्विस देती है?
ग्रामीण क्षेत्रों में LIC की पहुंच और सेवा बेहतर है क्योंकि इसका एजेंट नेटवर्क और ऑफिस लगभग हर गाँव और कस्बे में उपलब्ध हैं।